22 Jul


 उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दूरसंचार कंपनियों से दो टूक शब्दों में कहा कि वह समायोजित सकल राजस्व से संबंधित बकाये के पुन: आकलन के बारे में चंद सेकेंड के लिए भी दलीलें नहीं सुनेगा। समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की राशि करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये है। 

latest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest newslatest news
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने दूरसंचार कंपनियों द्वारा समायोजित सकल राजस्व से संबंधित बकाए के भुगतान की समय सीमा के मसले पर सुनवाई पूरी कर ली। पीठ इस पर अपना फैसला बाद में सुनाएगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान जब बकाया राशि की पुन:गणना का मुद्दा उठाया गया तो पीठ ने तत्काल कहा कि हम पुन: आकलन (समायोजित सकल राजस्व से संबंधित बकाया) पर एक सेकेंड भी बहस नहीं सुनेंगे।   पीठ ने यह टिप्पणी भी की कि 15-20 साल का समय तर्कसंगत नहीं है और इन कंपनियों को एक व्यावहारिक समय बताना चाहिए।

इससे पहले, केंद्र ने अदालत से अनुरोध किया था कि इन दूरसंचार कंपनियों को एजीआर से संबंधित बकाया राशि का चरणबद्ध तरीके से भुगतान के लिए 20 साल का समय दे दिया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि दिवालिया प्रक्रिया के लिए जा रही कुछ दूरसंचार कंपनियों की नेकनीयती के पहलू पर वह विचार करेगी।

शीर्ष अदालत को 18 जून को केंद्र ने सूचित किया था कि दूरसंचार विभाग ने गेल जैसे गैर-संचार सार्वजनिक उपक्रमों से एजीआर से संबंधित बकाया राशि के रूप में चार लाख करोड़ रुपये के भुगतान की मांग में से 96 फीसदी मांग वापस लेने का फैसला किया है।

वोडाफोन आइडिया को लगाई फटकार  
सुप्रीम कोर्ट में आज समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय न्यायाधीश की बेंच ने वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि अगर आप कई दशकों से घाटे में चल रहे हैं, तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? आप एजीआर बकाया का भुगतान कैसे सुनिश्चित करेंगे? 

इससे पहले कोर्ट ने 18 जून को अपने फैसले में वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज को एक दशक की बैलेंस शीट देने को कहा था। वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, ‘हमने एक दशक की बैलेंस शीट और टैक्स विवरण दर्ज कर दिया है।’

इसके अतिरिक्त एजीआर मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि, ‘यदि आप हमारे आदेशों का पालन नहीं करेंगे, तो हम आपके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेंगे। जो भी गलत काम कर रहे हैं, उन्हें हम सीधे जेल भेज सकते हैं।’
top newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop newstop news

ASE News ASE News ASE News ASE News ASE News

Comments
* The email will not be published on the website.
I BUILT MY SITE FOR FREE USING